ज़रा सोचो, एक कंपनी जिस पर कभी भारी लोन थे, अब बिलकुल डेब्ट-फ्री हो गई है! रिलायंस पावर की ये कहानी कुछ ऐसी ही है। बुधवार को जब इस कंपनी के शेयर 5% के जम्प के साथ ₹32.98 तक पहुंचे, तो मार्केट में सबकी नज़रें इस पर टिक गईं। और क्यों न हो? आखिर अनिल अंबानी की कंपनी ने एक बड़ी जीत हासिल की थी।
रिलायंस पावर काफी अरसे से अपने डेब्ट्स के चक्कर में उलझी हुई थी। लेकिन 17 सितंबर को, कंपनी ने ऑफिशियली ये अनाउंस किया कि उन्होंने अपने सभी फाइनेंशियल ऑब्लिगेशन पूरे कर दिए हैं जो उन्होंने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (वीआईपीएल) के गारंटर के रूप में लिए थे। देखा जाए तो ये सेटलमेंट एक बड़ा मामला था क्योंकि वीआईपीएल के ऊपर ₹3872.04 करोड़ का आउटस्टैंडिंग लोन था! और अब, रिलायंस पावर का कहना है कि उन्होंने बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस के साथ अपना सब कुछ क्लियर कर लिया है। सुनने में तो ये एकदम राहत वाली बात है!

रिलायंस पावर ने अपने एक्सचेंज फाइलिंग में ये भी बताया कि वीआईपीएल अब उनकी सब्सिडियरी नहीं रही। जैसे ही ये बात सामने आई, इन्वेस्टर्स के मन में एक कॉन्फिडेंस बढ़ा। आखिर इतने बड़े डेब्ट का सेटलमेंट कोई छोटी बात थोड़ी है! आपको ये भी जानकर हैरानी होगी कि 30 जून 2024 तक, कंपनी की कंसोलिडेटेड नेट वर्थ ₹11,155 करोड़ थी! यानी अब रिलायंस पावर ने सिर्फ अपना डेब्ट खत्म किया, बल्कि अपनी पोज़िशन को भी काफी मजबूत बना लिया है।
ये न्यूज़ आई तब रिलायंस पावर ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया – सीएफएम एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ अपने सभी डिस्प्यूट्स सेटल कर लिए। आप सोच रहे होंगे कि ये क्या है? तो बता दूं कि ये वो कंपनी है जो नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स को मैनेज करती है। और जब एक बड़ी कंपनी अपने डिस्प्यूट्स सेटल कर लेती है, तो मार्केट में उसका इम्पैक्ट काफी पॉजिटिव होता है। रिलायंस पावर का ये कदम उनके लिए एक नई शुरुआत का संकेत देता है। इस न्यूज़ के बाद स्टॉक मार्केट में जो एक्साइटमेंट देखी गई, वो बिलकुल एक्सपेक्टेड थी। इन्वेस्टर्स को कंपनी की तरफ से काफी उम्मीद है, और जब एक कंपनी अपने डेब्ट्स को सेटल करने के बाद अगले लेवल पर बढ़ने के लिए तैयार होती है, तो लोगों का उस पर विश्वास बढ़ता है।
ये बात भी ध्यान देने वाली है कि आज के ज़माने में, जब फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की इतनी ज़्यादा मांग है, कोई भी कंपनी अगर अपने ऊपर का डेब्ट खत्म कर लेती है, तो उसका वैल्यूएशन और भी स्ट्रॉंग हो जाता है। रिलायंस पावर ने ये दिखा दिया है कि अगर स्ट्रेटेजी सही हो और कंपनी फोकस्ड हो, तो कुछ भी मुमकिन है।
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रिलायंस पावर स्टॉक एनालिसिस
दोस्त, रिलायंस पावर का नाम सुनते ही, दिमाग में एक पावरफुल इमेज आ जाती है – एक कंपनी जो अपने शुरूआत से ही बदलती दुनिया को एनर्जी प्रोवाइड कर रही है। लेकिन, स्टॉक मार्केट में सिर्फ नाम से कुछ नहीं होता, यहां सब डेटा और एनालिसिस के हिसाब से चलता है। रिलायंस पावर के फाइनेंशियल्स और स्टॉक परफॉर्मेंस पर एक नज़र डालते हैं और देखते हैं कि क्या ये स्टॉक इन्वेस्ट करने लायक है या नहीं।
फाइनेंशियल एनालिसिस
सबसे पहले तो बात करें रिलायंस पावर के फंडामेंटल्स की। इसकी मार्केट कैपिटलाइजेशन है ₹13,243.95 करोड़। अच्छा लग रहा है न? लेकिन जब हम एंटरप्राइज वैल्यू देखते हैं ₹17,431.04 करोड़, तो लगता है डेब्ट थोड़ा ज़्यादा हो गया है। डेब्ट की वैल्यू ₹4,199.83 करोड़ तक पहुँच गई है। अब अगर कंपनी पर इतना डेब्ट हो, तो रिस्क को इग्नोर नहीं किया जा सकता। इस स्टॉक का पी/ई रेशियो है 259.4, जो कि काफी हाई है। मतलब, जो प्रॉफिट्स कंपनी बना रही है उसके हिसाब से स्टॉक ओवरवैल्यूड लगता है। एक और चीज़ जो ध्यान देने लायक है वो है पी/बी रेशियो जो है 1.41। ये थोड़ा बैलेंस्ड है, मतलब स्टॉक अपनी बुक वैल्यू के आस-पास ट्रेड कर रहा है।
प्रमोटर होल्डिंग 23.24% है, जो थोड़ा कम लगता है, लेकिन प्रमोटर्स के स्टेक्स अभी भी ठीक-ठाक हैं। हाँ, एक दिक्कत वाली बात ये है कि कैश बैलेंस बस ₹12.74 करोड़ का ही है। इसका मतलब है कंपनी के पास अपने ऑपरेशन्स को स्मूथ चलाने के लिए कैश की कमी हो सकती है। लेकिन डेब्ट के अगेंस्ट थोड़ा कैश होना बुरा सिग्नल है।
इन्कम स्टेटमेंट को देखते हैं तो एक छोटी सी स्टोरी नज़र आती है – और ये स्टोरी प्रॉफिट की कमी की है। 2024 के लिए रेवेन्यू ₹78.93B है, जो कि 5.04% से ग्रो हुआ है। लेकिन दोस्तों, रेवेन्यू बढ़ने के बाद भी कंपनी का नेट इन्कम -₹20.68B है, जो कि पिछले साल से 339.36% से गिर गया है। इसका मतलब है कंपनी ने प्रॉफिट बनाने की जगह एक बड़े लॉस का सामना किया है। अब ये कैसा सिग्नल देता है? अगर एक कंपनी की अर्निंग्स लगातार नेगेटिव जा रही हैं और एक्सपेंसेस बढ़ते जा रहे हैं (जैसा कि यहां ऑपरेटिंग एक्सपेंस भी 32.33% बढ़ गया है), तो ये इन्वेस्टर्स के लिए एक रेड फ्लैग हो सकता है। प्रॉफिट मार्जिन भी -26.21% पर है, मतलब कंपनी हर एक रुपये पर बड़ा लॉस कर रही है।
बैलेंस शीट का असर
बैलेंस शीट को देखें तो टोटल एसेट्स 437.60B हैं, लेकिन टोटल लाइबिलिटीज भी काफी ज़्यादा हैं, 321.48B। ये गैप काफी है, लेकिन लाइबिलिटीज को कम करना ज़रूरी होगा अगर कंपनी अपने ग्रोथ प्लान्स को अचीव करना चाहती है। एसेट्स तो सही लग रहे हैं, लेकिन लाइबिलिटीज को इग्नोर करना सही नहीं होगा। एक और महत्वपूर्ण बात है कंपनी का प्राइस टू बुक रेशियो, जो 1.09 है। ये डिसेंट रेशियो है और इसका मतलब है कि स्टॉक अपनी असली बुक वैल्यू के करीब ट्रेड कर रहा है। लेकिन इससे इन्वेस्ट करने का निर्णय नहीं हो सकता क्योंकि कंपनी का ग्रोथ एस्पेक्ट भी धीमा है।
रिलायंस पावर स्टॉक परफॉर्मेंस
अगर स्टॉक परफॉर्मेंस की बात करें, तो रिलायंस पावर ने पिछले 6 महीनों में 42.11% का रिटर्न दिया है, जो इम्प्रेसिव है। और 1 साल में तो 72.62% का बड़ा रिटर्न दिखाया है। ये मोमेंटम काफी अच्छा लगता है, लेकिन अगर हम 5 दिन का डेटा देखें तो सिर्फ 11% का छोटा जम्प दिखाया है। लेकिन ये अचानक का राइज़ सस्टेनेबल है क्या? 5 साल का परफॉर्मेंस देखें तो रिलायंस पावर ने 1037% का रिटर्न दिया है! ये बहुत बड़ा जम्प है, लेकिन इसका एक मतलब ये भी है कि स्टॉक ने अपनी वैल्यूएशन को काफी ऊपर पुश किया है, जो अब शायद ओवरवैल्यूड टेरिटरी में आता है।
अगर आप सिर्फ स्टॉक परफॉर्मेंस के आधार पर निर्णय ले रहे हैं, तो रिलायंस पावर का शॉर्ट-टर्म परफॉर्मेंस इम्प्रेसिव लग सकता है। लेकिन दोस्तों, हर चीज़ सिर्फ नंबर्स पर डिपेंड नहीं करती, कंपनी के फाइनेंशियल्स को भी देखना पड़ता है। रिलायंस पावर के फाइनेंशियल रेशियो कुछ इतने स्ट्रॉंग नहीं हैं कि लॉन्ग-टर्म में कोई बड़ा इंवेस्टमेंट किया जा सके। डेब्ट लेवल भी थोड़ा ज़्यादा है और इसका नेगेटिव इन्कम स्टेटमेंट चिंताजनक है। इन्वेस्टर्स को कंपनी के फाइनेंशियल्स को ध्यान में रखते हुए स्टॉक में एंट्री लेनी चाहिए, खासकर तब जब मार्केट में और भी मजबूत ऑप्शंस मौजूद हैं।
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अब बात आती है इस स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की। दोस्तों, रिलायंस पावर ने शॉर्ट-टर्म में तो काफी अच्छा परफॉर्म किया है। लेकिन लॉन्ग-टर्म के लिए इस स्टॉक में बड़ी चुनौतियाँ हैं। ओवरऑल फाइनेंशियल्स को ध्यान में रखते हुए और कंपनी की हाई वोलैटिलिटी को देखते हुए, अगर आप इसमें इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आपको काफी रिसर्च और थोड़ी हिम्मत की जरूरत होगी।
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